Sheikh Hasina कैसे करेगा भारत शेख़ हसीना की ,क्या भारत के पास विकल्प

शेख़ हसीना

शेख़ हसीना बीते महीने की पांच तारीख़ तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख़ हसीना वहां से आने के बाद तीन सप्ताह से भी ज़्यादा समय से भारत में रह रही हैं। इस अवधि के दौरान, भारत सरकार ने उन्हें सुरक्षित रखने और उनके भविष्य की योजना पर ध्यान देने के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं।

शेख़ हसीना
शेख़ हसीना

शेख़ हसीना भारत सरकार शेख़ हसीना और उनकी बहन को दी गई सुरक्षा और आश्रय की स्थिति को औपचारिक रूप से मान्यता दे सकती है। यह विकल्प उन परिस्थितियों में उपयुक्त हो सकता है जब शेख़ हसीना की वापसी बांग्लादेश में सुरक्षा या कानूनी समस्याएं पैदा कर सकती हैं।भारत और बांग्लादेश के बीच एक राजनयिक समझौते के तहत शेख़ हसीना को अस्थायी आश्रय प्रदान किया जा सकता है। इस स्थिति में, भारत बांग्लादेश के साथ बातचीत कर सकता है और शेख़ हसीना की स्थिति पर एक कानूनी समाधान निकालने की कोशिश कर सकता है।यदि बांग्लादेश सरकार और भारत के बीच इस पर समझौता होता है, तो भारत शेख़ हसीना को बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर सकता है। इस स्थिति में, भारत शेख़ हसीना को बांग्लादेश की सरकार के पास सौंपेगा, और बांग्लादेश के कानूनी और सुरक्षा नियमों के अनुसार उनकी स्थिति का समाधान किया जाएगा।

शेख़ हसीना के मामले में भारत सरकार के सामने संभावित विकल्प

1. तीसरे देश में शरण
पहला विकल्प है, शेख़ हसीना के लिए किसी तीसरे देश में शरण लेने की व्यवस्था करना। यह विकल्प उन देशों में से हो सकता है जहाँ उनकी सुरक्षा की पूरी गारंटी हो। इस परिदृश्य में, भारत शेख़ हसीना को एक ऐसा देश खोजने में मदद कर सकता है, जो उन्हें अस्थायी या स्थायी शरण प्रदान करने के लिए तैयार हो। यह विकल्प भारत और बांग्लादेश के रिश्तों को संभावित तनाव से बचा सकता है और शेख़ हसीना को सुरक्षित आश्रय भी प्रदान कर सकता है।

2. भारत में अस्थायी शरण
दूसरा विकल्प है, शेख़ हसीना को तात्कालिक रूप से भारत में राजनीतिक शरण देना। इस विकल्प के तहत, भारत शेख़ हसीना को अपनी भूमि पर अस्थायी तौर पर ठहरने की अनुमति दे सकता है। हालांकि यह विकल्प शेख़ हसीना की तत्काल सुरक्षा की गारंटी दे सकता है, लेकिन इससे भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, और दोनों देशों के बीच राजनयिक तनाव उत्पन्न हो सकता है।

3. बांग्लादेश में राजनीतिक वापसी
तीसरा विकल्प, हालांकि वर्तमान परिस्थितियों में असंभव प्रतीत होता है, लेकिन कुछ पर्यवेक्षकों का मानना है कि भविष्य में परिस्थितियाँ बदलने पर भारत बांग्लादेश में शेख़ हसीना की राजनीतिक वापसी का प्रयास कर सकता है। यदि बांग्लादेश में राजनीतिक हालात सुधारते हैं और अवामी लीग पार्टी की स्थिति मजबूत होती है, तो शेख़ हसीना की वापसी संभव हो सकती है। इस विकल्प के तहत, भारत शेख़ हसीना को बांग्लादेश की राजनीतिक प्रक्रिया में पुनः शामिल करने का समर्थन कर सकता है।

विश्लेषण और संभावनाएँ
भारत के राजनयिक हलकों और थिंक टैंक के विशेषज्ञों के अनुसार, पहला विकल्प सबसे व्यावहारिक और लाभकारी प्रतीत होता है। यह भारत को बांग्लादेश के साथ मौजूदा संबंधों को खराब किए बिना शेख़ हसीना की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अवसर देता है। यदि भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि के तहत शेख़ हसीना के प्रत्यर्पण का अनुरोध मिलता है, तो भारत इसे किसी न किसी आधार पर ख़ारिज कर सकता है। न्यायिक प्रक्रिया के तहत शेख़ हसीना को बांग्लादेश सौंपना भारत के लिए व्यावहारिक रूप से कठिन हो सकता है।

अंततः, शेख़ हसीना के मुद्दे पर भारत के सामने वही तीन विकल्प हैं जिनका वर्णन किया गया है। इन विकल्पों के विभिन्न पहलुओं और संभावनाओं पर चर्चा करते हुए, सरकार को यह तय करना होगा कि कौन सा विकल्प उनकी राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय संबंधों के लिए सबसे उपयुक्त होगा।

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शेख़ हसीना के मामले में भारत सरकार की स्थिति और संभावनाएँ

आधिकारिक स्थिति और बयान
भारत सरकार के हाल के बयान के अनुसार, शेख़ हसीना का भारत आना ‘सामयिक’ था। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 6 अगस्त को संसद में बांग्लादेश की परिस्थिति पर बयान देते हुए इस मुद्दे का ज़िक्र किया और इसे ‘फार द मोमेंट’ यानी फिलहाल शब्द का इस्तेमाल किया। इसके बाद से सरकार ने इस मामले में कोई नया बयान नहीं दिया है।

भारत की रणनीति और विकल्प
भारत अभी भी शेख़ हसीना को सुरक्षित रूप से किसी तीसरे देश में भेजने की कोशिश कर रहा है। यदि इस प्रयास में सफलता नहीं मिलती, तो भारत उन्हें राजनीतिक शरण देकर लंबे समय तक भारत में रखने में हिचकिचाएगा नहीं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने इस संदर्भ में कहा, “वी आर होपिंग फॉर द बेस्ट, प्रीपेयरिंग फॉर द वर्स्ट,” जिसका मतलब है कि भारत को उम्मीद है कि शेख़ हसीना को किसी तीसरे मित्र देश में भेजने की व्यवस्था हो जाएगी, लेकिन अगर ऐसा नहीं होता, तो भारत शेख़ हसीना को लंबे समय तक भारत में रखने के लिए तैयार है।

तीसरे देशों के साथ बातचीत
बीबीसी को मिली जानकारी के अनुसार, भारत ने शेख़ हसीना को अमेरिका भेजने की कोशिश की थी, लेकिन इसमें बाधा आई। इसके बाद, भारत ने संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, और यूरोप के कुछ छोटे देशों से भी बातचीत की है, लेकिन अभी तक किसी ठोस परिणाम की जानकारी नहीं मिली है। वर्तमान में, भारत कतर के साथ भी बातचीत कर रहा है, जो मध्य पूर्व का एक महत्वपूर्ण देश है।

ट्रैवल डॉक्यूमेंट की स्थिति
यदि कोई तीसरा देश शेख़ हसीना को शरण देने पर सहमत होता है, तो वह दिल्ली से किस पासपोर्ट पर यात्रा करेंगी, यह सवाल उठता है। ढाका में भारत की पूर्व राजदूत रीवा गांगुली दास ने कहा कि यह कोई बड़ी समस्या नहीं है। यदि बांग्लादेश ने उनका पासपोर्ट रद्द कर दिया है, तो शेख़ हसीना भारत सरकार द्वारा जारी किए गए ट्रैवल डॉक्यूमेंट या परमिट का उपयोग कर सकती हैं। भारत में कई तिब्बती शरणार्थी इसी प्रकार के ट्रैवल डॉक्यूमेंट के आधार पर यात्रा करते हैं।

रीवा गांगुली ने कहा, “यदि ‘एक्स’ देश शेख़ हसीना को शरण देने पर तैयार होता है, तो वह भारत सरकार द्वारा जारी ट्रैवल डॉक्यूमेंट के आधार पर संबंधित देश का वीज़ा लेकर वहां जा और रह सकती हैं।” इसके साथ ही, शेख़ हसीना की विशाल राजनीतिक प्रोफाइल की वजह से कई नियम उनके मामले में आसानी से लागू हो सकते हैं।

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