Cyber Crime :साइबर ठग बिना OTP और लिंक के कैसे बनाते हैं शिकार? जाने साइबर ठगों के नए तरीके
cyber crime :पटना में साइबर क्रिमिनल्स ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स और आरटीजीएस का उपयोग कर 1 करोड़ 14 लाख रुपये की ठगी की पुलिस मामले की कर रही है जाँच

cyber crime: की एक ताज़ा घटना ने पटना के तीन प्रमुख ज्वैलर्स को निशाना बनाया है। साइबर क्रिमिनल्स ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स और आरटीजीएस का उपयोग कर 1 करोड़ 14 लाख रुपये की ठगी की। कंकड़बाग, हथुआ मार्केट और औबेली रोड स्थित इन ज्वैलर्स के शोरूम में यह घटना हुई, जहां तीनों ही ब्रांड्स के नामी और प्रतिष्ठित शोरूम शामिल हैं, जिसमें से एक का पूरे देश में नेटवर्क फैला हुआ है। पुलिस अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है, जबकि साइबर क्राइम के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। हैकर्स नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं।
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कैसे दिया क्राइम को अंजाम ?
दो लोग पहले कस्टमर बनकर ज्वैलरी शॉप पर आए और शादी के लिए गहने दिखाने की अनुरोध किया। उन्होंने 40 लाख रुपये के गहने पसंद किए और भुगतान के लिए अगले दिन RTGS (Real Time Gross Settlement) की बात की, साथ ही एडवांस में 2 लाख रुपये कैश दे दिए।
अगले दिन, ज्वैलर्स को सूचना मिली कि उनके खाते में 38 लाख रुपये RTGS कर दिए गए हैं। (RTGS बड़े ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग होता है) ज्वैलर्स ने जब अपने बैंक खाते की जांच की, तो वास्तव में 38 लाख रुपये जमा पाए गए। इसके बाद, ज्वैलर्स ने गहने लेने के लिए उन्हें बुलाया। दोनों लोग आए और 40 लाख रुपये के गहने ले गए, साथ ही अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड भी प्रस्तुत किया।

पुलिस कर रही है मामले की जांच
जब कस्टमर चले गए, तो कुछ ही घंटों बाद ज्वैलर को पुलिस का फोन आया, जिसमें बताया गया कि उनके खाते में आए पैसे साइबर फ्रॉड के लिए चुराए गए थे और इसीलिए इन पैसों को फ्रीज कर दिया गया है। इसी तरह, दो अन्य ज्वैलर्स को भी पैसे फ्रीज होने का झटका मिला।
जांच के दौरान ज्वैलर्स को पता चला कि साइबर क्रिमिनल्स द्वारा दिए गए पैन कार्ड और आधार कार्ड भी फेक थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और उनके पास सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है।