ट्रेलर देखने के बाद से ही फिल्म.को देखने की एक्सीडेटमेंट बंनी हुई होगी , ट्रेलर से आप ये तो जान गए थे की कौन डराएगा और कौन बचाएगा..
आर माधवन अजय की बेटी को लेकर जाना चाहता है अपने साथ वो भी माँ बाप की मर्जी से कैसे देंगे वो अपनी बेटी यही कहानी देखना है आपको डर के साथ
फिल्म शुरू होते ही मुदे पर आ जाती है फर्स्ट हाफ बहुत जबरजस्त है लेकिन कुछ सींस आपको बचकाने भी लग सकते है
फिल्म में काला जादू और वशीकरण की बात कही गई है पर ये भी डिस्क्लेमर करती है की फिल्म इसे प्रमो ट नहीं करती और फिल्म बनी इसी मुददे पर है
आर माधवन इस फिल्म की जान है उन्होंने अपने नेगेटिव रोल को बड़ी शिद्दत से निभाया है और अजय की बात करे हो तो हमेशा की तरह इस बार भी उनकी आँखों का जादू दर्शको पर जड़ने वाला है
विकाश बहल का डायरेक्शन अच्छा है आर माधवन का इस्तेमाल जिस तरह से किया है वाकय काबिले तारीफ है बाकि 80 फीसदी फिल्म आपको हिलने ना दे ये एक अच्छा डिरेक्टर ही कर सकता है
ऐसी फिल्मो को लेकर यही सवाल होता है की कितनी है डरावनी तो डर तो लग सकता है कमजोर दिल वाले सोच समझ कर जाये