चिराग पासवान ने बीजेपी को हाई कमान तक पहुंचाई सीट की मांग, क्या होगा अगला कदम?२ राज्यों में 6+2 सीटों का ऑफर, लेकिन चिराग पासवान की सीट को लेकर नई मांगें
चिराग पासवान ने बीजेपी के हाई कमान तक अपनी सीट को लेकर राखी डिमांड, भले ही उन्हें दो राज्यों में ६+२+ २ सीटों का ऑफर मिला हो। उनकी गैरमौजूदगी ने राजनीतिक समीक्षा में चर्चा को बढ़ा दिया है, खासकर पीएम मोदी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के बाद। चिराग ने बीजेपी से अपनी मांगों को लेकर हाई कमान तक पहुंचाई और सीट शेयरिंग की मांग को लेकर अपना स्टैंड किया है।

चिराग पासवान: एनडीए में नाराजगी और सांसदीय ठना
बिहार में चिराग पासवान की नाराजगी ने बढ़ती राजनीतिक उत्साह को संकेतित किया, विशेषकर जब उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में अनुपस्थिति का ऐलान किया। चिराग ने एनडीए को मजबूत करने के लिए कई तरह की कदमों की वकालत की, लेकिन उनकी गैरमौजूदगी ने सवालों को उठाने का माध्यम बना दिया।
हाजीपुर और जमुई: सांसदीय ठना और गुटबंधन का नाटक
हाजीपुर से चुनावी ठना और सांसदीय गुटबंधन में उलझे हुए चिराग पासवान और पशुपति पारस ने रामविलास पासवान की सीट के लिए एक दूसरे के साथ टकराया है। इसमें बीजेपी भी शामिल हो गई है, जिससे सीट को लेकर तीनों नेताओं के बीच मुकाबला देखा जा रहा है।

रामविलास पासवान की बादशाहत का अंत: गुट बंधन की खाई
रामविलास पासवान के निधन के बाद, उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी में दो गुटों में बांटवारा हुआ। चिराग पासवान और पशुपति पारस ने अलग-अलग गुट बनाए हैं, जिससे राजनीतिक दलालगी में नया चर्चा बना है।
यह सभी परिस्थितियों में चिराग पासवान की नेतृत्व क्षमता को चुनौतीपूर्ण बना रही है, जिससे बिहार की राजनीति में नए सवाल उत्पन्न हो रहे हैं।
तेजस्वी यादव का खुला ऑफर: क्या है राजनीतिक पायलट?
बीहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आरजेडीयू के आगमन के साथ चिराग पासवान को खुला ऑफर देने के एक नए राजनीतिक परिस्थिति में अपना समर्थन दिखाया है। मीडिया से बातचीत में, तेजस्वी ने कहा है कि चिराग को इस मुद्दे पर निर्णय करने का पूरा अधिकार है और वह यह फैसला करेंगे कि उन्हें कहां जाना है। यह स्पष्ट है कि जेडीयू के आने से ताक़तें बदल रही हैं और यह राजनीतिक संगठन के बीच नए संभावनाओं को खोल सकता है।
जेडीयू का बदलता गणित: सीट बंटवारे का समर्थन
नीतीश कुमार के एनडीए में वापसी के बाद, जेडीयू ने सीट बंटवारे में बदलाव का गणित बनाया है। पिछली बार जेडीयू ने बीजेपी के साथ गठबंधन में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसे अब उन्होंने बदलकर नए संबंधों की कल्पना की है। इससे बिहार में राजनीतिक सीने में नए रंग आ सकते हैं।
यह सभी तथ्य राजनीतिक समीक्षा में एक नए दृष्टिकोण को खोल सकते हैं और चुनावी परिस्थितियों में बदलाव की संभावना है।
चिराग पासवान को २ राज्यों में ६+२+ सीटों का ऑफर: नई राजनीतिक कविता
सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान को दो राज्यों में ६+२+ 2 सीटों का ऑफर मिला है। बिहार में ८ सीटों की मेजबानी में से ६ लोकसभा सीटों में उनकी शामिली हो रही है, जबकि २०१९ के चुनाव में अविभाजित लोजपा ने २ सीटों की जीत दर्ज की थी। इस तरह, उन्हें कुल ८ सीटों का ऑफर हासिल हुआ है। यह राजनीतिक दायरे में नई कविता की शुरुआत कर सकता है, जिसमें चिराग पासवान अपनी पारी साजगो में बढ़ते हुए दिख रहे हैं।